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India vs Sri Lanka world cup 2011 final highlights ऐतिहासिक जीत पुरी insite story

भारत की विश्व कप की फाइनल की एतिहासिक जीत पुरी inside story


आज 2 अप्रैल है आज है दिन 8 साल पहले भारतीय "क्रिकेट टीम ने विश्व कप क्रिकेट " "फाइनल मैच


श्रीलंका बनाम भारत" के बीच हुआ इस मैच पर भारत-श्रीलका की नही बल्कि पुरी दुनियाभर दर्शको की नजर थी।


आखिर था भी icc world cup 2011 फाइनल भला इन्तजार क्यू ना हो वर्ल्डकप 5 वर्ष एक बार जो आता हैऔर टीम इंडिया इस पहले लगभग 2003 में इस पहले सौरभ गांगुली कप्तानी फाइनल पहुंची थी। जिसमें आस्टेलिया से हार हो गई थी।

उसके बाद टीम इंडिया 2011 विश्व कप क्रिकेट वर्ल्डकप के फाइनल पहुंची थी अब पुरी देश को पुरी देश उम्मीद थी इस भारतीय टीम world cup जीतेगी अब एतिहासिक जीत inside story की शुरूआत करते है भारत में 2 अप्रैल 2011 के दिन शनिवार मैच विश्व कप फाइनल में भारत-श्रीलका जगह मुबंई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ ।

अब दोपहर के 2 बजे चुके टॉस के लिए दोनो कप्तान मैदान आ चुके तभी कुछ ऐसा जिसकी उम्मीद किसी को नही था।अब हम आपको बताते जा रहे हुआ क्या असल में विश्व कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था।अपनी ही धरती पर भारत के फाइनल में पहुंचने पर भारतीय फैंस में जबर्दस्त उत्साह था 2011 विश्व कप फाइनल दो बार टॉस हुआ धोनी ने टॉस के लिए सिक्के को हवा में उछाला और शास्त्री ने बताया कि ‘हेड्स’आया है।




इस पर धोनी ने मुस्कुराते हुए कहा कि भारत पहले बैटिंग करेगा।लेकिन जब सिक्का हवा में उछाला गया तो शास्त्री उसे देखते रहे और ये नहीं सुन पाए कि संगकार ने क्या कहा था।


भारत ही टॉस जीता है, इस बात की पुष्टि करने के लिए शास्त्री ने जब मैच रेफरी से पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मैंने नहीं सुना इस बात ने वहां मौजूद चारों लोगों के लिए संशय की स्थिति पैदा कर दिया जिसके बाद दोबारा टॉस हुआ और दूसरी बार संगकारा ने हेड कहा और श्रीलंका टॉस जीत गया और पहले बैटिंग चुनी।

उसके बाद समय दोपहर 2 बजकर 30 मिनट मैच शुरू हो।श्रीलंका ने उस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए "माहेला जयवर्धने" की शतकीय पारी 103 की बदौलत 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे।भारत के लिए जहीर खान और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए जवाब में भारत की शुरुआत खराब रही है।

और दोनों ओपनर सहवाग बिना खाता खोले और सचिन 18 रन  के स्कोर तक पविलियन लौट गए इसके बाद गौतम गंभीर ने पारी को जमाया और कोहली 35 रन के साथ मिलकर स्कोर 100 के पार पहुंचाया।धोनी ने जबर्दस्त शतकीय साझेदारी की और चौथे विकेट के लिए 107 रन जोड़ते हुए भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।



शतक के करीब पहुंचकर गंभीर 97 रन बनाकर परेरा की गेंद पर बोल्ड हो गए लेकिन इसके धोनी और युवराज शानदार बैटिंग की जब आखिरी के दो ओवर बची और  इस मैच के विनिंग शॉट को कौन भूल सकता है नुवान कुलसेकरा की गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी ने अपना हेलीकॉप्टर ऐसा चलाया।



कि 28 साल बाद वर्ल्ड कप सीधा भारत की झोली में आ गया इससे पहले कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 25 जून 1983 को विश्व कप का खिताब जीता था।इस जीत के साथ ही भारत के महान क्रिकेटर सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी पूरा हो गया। आधी रात में लोग घर बाहर तिरंगा लेकर सड़कों पर निकल आए और भारत के इस एतिहासिक जीत का जश्न मना रहे थे ।


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