नमस्कार दोस्तो आप सभी स्वागत है आज की पोस्ट पर हम आपको बताने जा रहे केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है।
जी हाँ दोस्तो अयोध्या विवाद नया मोड़ आ गया
मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला ले लिया है
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल ये कहा है कि अयोध्या में गैर विवादित जमीन के आसपास की जमीन उसके मूल मालिकों को सरकार लौटाना चाहती है। इसलिए कोर्ट पूरी जमीन पर यथास्थिति बरकरार रखने का अपना आदेश कोर्ट वापस ले।
राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू
आपको बता दें कि गैर-विवादित जमीन में से ज्यादातर हिस्सा रामजन्मभूमि न्यास बोर्ड की है। संभावना जताई जा रही है कि अगर कोर्ट ने इस मांग पर हामी भर दी। तो जल्द ही राममंदिर निर्माण का कार्य शुरु हो जाएगा । और इस फैसला का असर ये होगा कि उसमें से 42 एकड़ राम जन्मभूमि न्यास को मिलेगी इसके अलावा जो बाकी जमीन है।वो भी ज्यादातर हिंदू पक्षकारों की है।इसका सीधे मतलब में समझे तो प्रस्तावित मंदिर के गर्भ गृह की जगह पर यानी जिस जगह पर भगवान राम के पैदा हुए जहां 6 दिसंबर 1992 से पहले बाबरी मस्जिद नाम का विवादित ढांचा मौजूद था उसे छोड़कर हर तरफ मंदिर का निर्माण कार्य हो सकेगा।
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रामविलास वेदांती जाहिर की ये खुशी
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रामविलास वेदांती ने सरकार के इस कदम पर खुशी जाहिर की है
उन्होने उस पर बोलते हुए कहा कि ये मोदी सरकार के निर्णय स्वाग्त योग्य है हम इस पर खुशी जताते हैं।
अयोध्या में जमीन विवाद
मालूम हो कि अयोध्या में जमीन विवाद वर्षो से चला आ रहा है अयोध्या विवाद हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का बड़ा वजह रहा है। विवादित जमीन पर राम मंदिर पहले था जब अयोध्या में मुगल शासक बाबर ने मंदिर को तोड़कर वँहा पर बाबरी मस्जिद बना दिया बताया पिछले 500 वर्षो से हिन्दूओ ने अपने भागवान जन्मभुमि के लड़ाई लड़ रहा है। आपको बता दे अयोध्या रामलला ने जन्म हुआ ।
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