नमस्कार दोस्तो आप सभी स्वागत है।जैसा कि दोस्तो हर वर्ष मकर संक्रांति को 14 जनवरी मनाया जाता है लेकिन 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इसकी वजह पौष माह में सूर्य के धनु से सूर्य मकर राशि में जाने पर यह पर्व मनाते हैं। अमूमन हर साल 14 जनवरी को मकर में चले जाता है। लेकिन इस साल यह स्थिति सूर्योदय मान के साथ 15 जनवरी को होगी।इसलिए इस बार प्रातः कालीन 6:42 से 9:25 बजे तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।इस दौरान पूजा-दान का विशेष लाभ प्राप्त होगा।
मकर संक्रांति कब है
ज्योतिष का मानना है संक्रांति 14 जनवरी की रात 2:12 बजे से लग रही है। लेकिन सूर्योदय मान 15 जनवरी प्रातः कालीन 6:42 बजे से मिलेगा। इसके बाद से सहालग भी शुरू हो जाएंगे।
जानिए खिचड़ी भोग वजह
इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है। परंपराओं में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है।
ये त्योहार मौसम बदलाव और खेती से जुड़ा है
गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बांटा जाता है। यह त्योहार प्रकृति मौसम बदलाव और खेती से जुड़ा है। इन्हीं तीन चीजों को जीवन का आधार भी माना जाता है। प्रकृति के कारक के तौर पर इस दिन सूर्य की पूजा होती है। सूर्य की स्थिति के अनुसार मौसम में बदलाव होता है और धरती अनाज पैदा करती है। अनाज से इंसान का भरण-पोषण होता है।
15 जनवरी को बन रहा ये बड़े चार सिद्धि योग
इस वर्ष मकर संक्रांति की खास बात यह है कि इस बार चार अच्छा संयोग भी बन रहे हैं। मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य के दक्षिणायण से उत्तरायण होने के कारण भारत सहित उत्तरी गोलार्ध के क्षेत्रों में सूर्य की किरणें सीधी पडऩे से मौसम बदलाव भी होगा। इससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी।
ज्योतिषियों का मानना राजनिति बड़े परिवर्तन
ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर सोमवार 14 जनवरी को रेवती नक्षत्र में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। दूसरी ओर 15 जनवरी को सुबह से ही अमृत सिद्धि सर्वार्थ सिद्धि मंगलाश्विनी अमृतसिद्धि योग व राजप्रद योग का संयोग बन रहा है। चूंकि इस बार संक्रांति का वाहन सिंह और उपवाहन हाथी है। इस कारण साल भर काम में तेजी औऱ राजनीतिक बड़े बदलाव सहित कई अन्य परिवर्तन देखने को मिलेंगी।
मकर संक्रांति के दिन राशि के अनुसार क्या दान
जैसे कि भारत परंपराए रही मकर संक्रांति दिन दान की हमने कई ज्योतिष से बात करने बाद आपको बताने जा रहे मकर संक्रांति के दिन आप अपनी
राशि मुताबिक क्या दान करे चलिए दोस्तो
मेष राशि तांबा की वस्तु, दही, वृष राशि चांदी, तिल
मिथुन पीला वस्त्र, गुड़, कर्क राशि सफेद ऊन, तिल,सिंह राशि गुड़, गेहूं,कन्या राशि हरा मूंग, तिल,तुला गुड़, सात तरह के अनाज,वृश्चिक राशि लाल वस्त्र, दही,धनु, पीला वस्त्र, गुड़,मकर राशि कंबल, गुड़, कुंभ राशि कंबल, घी
मीन राशि चना दाल, तिलसे
मकर संक्रांति का अर्थ क्या
धर्म शास्त्रों के मुताबिक क्रांति का अर्थ होता है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। इसलिए वह राशि जिसमें सूर्य प्रवेश करता है। उसे संक्रान्ति कहलाती है। चूंकि सूर्य इस दिन मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं। यह हर वर्ष जनवरी में 14 या 15 को होता है।मकर संक्रांति को महापर्व की भी संज्ञा दी गई है।
इस दिन आपको अपने जीवन में बदलाव या फिर बेहतरी मनाने के लिए क्या करना चाहिए है
(१.)इस दिन यानी 15 जनवरी को आपको किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
(२.) अगर संभव नहीं हो सके तो आप घर में स्नान कर लें।
(३.) इसके बाद आपको नया जनेउ यानी यज्ञोपवित धारण करना चाहिए
(४.)धारण करते वक्त यज्ञोपवित मंत्र जरूर पढ़ें।
(५.) इसके बाद आप उन वस्तुओं को छुएं जिन्हें आपको दान करना है।
(६.)|इसमें चावल,काला और उजला तिल, कुछ रुपये-पैसे जरूर होने चाहिए।
(७.) इसके बाद आप गंगाजल मिलाकर तुलसी जी के चौरा में जल डाले।
(८.) फिर आप पूजा के मंदिर में घी का एक दीया जलाएं।
ऐसे लोगों को न दें दान
ऐसे लोगों को दान करे जो उपयोग
शास्त्र के मुताबिक ऐसे लोगों को दान जरूर करे जो उसका उपयोग करते हो और जिसे सच में जरूरत हो।
दोस्तो तो आप भी इस मकर संक्रांति इन तमान बातो का विशेष ध्यान रखे और मकर संक्रांति को खुशियों साथ पतंग उड़ाने का परिवार के साथ भरपुर मजा ले। और आप सभी को मकर संक्रांति हमारे तरफ से की ढ़ैर सारी शुभकामनाए।
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1 Comments
Why we celebrate Makar Sankrant?
ReplyDeleteমকর সংক্রান্তি 2020