नमस्कार दोस्तो आप सभी स्वागत है आज के पोस्ट पर हम आपको बताएगे महिला नागा साधू बारे में और वो कैसे नागा साधू बनते है क्या पुरूष नागा साधू तरह ही महिला नागा साधू भी अपना कपड़ा त्याग करना पड़ता है।आज हम आपको महिला नागा साध्वी के बारे में कुछ विशेष बातें बताने जा रहे हैं और इन बातों को जानने के बाद आपको एहसास होगा कि किसी भी महिला का नागा साध्वी उतना भी आसान नहीं है जितना कि हम सोचते हैं| हम आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने सभी दोस्तो के साथ जरूर साझा करेंगे।आईए हम जानते पुरी जानकारी विस्तार से इस पोस्ट पुरा जरूर पढ़िए।
कैसे बनती महिला नागा साधू
महिला नागा साधू को सबसे पहले सांसारिक बंधनों को छोड़कर समर्पण करना पड़ता है ।आस्था की डोर में बंध चुकीं महिला साध्वियों की नजर में मानव देह केवल नश्वर और मिट्टी की तरह होना चाहिए। उनके तपो बल का ही असर कहें कि काम, क्रोध, मद और लोभ जैसी वृत्तियां उनके पास तक भी नहीं आना चाहिए । और कितना कठिन होता है उनका लाइफ उनकी मुस्कुराहट के पीछे बस एक उनके इष्ट की ताकत ही काम करती है।
आइए इसी के साथ जानते हैं महिला नागा साधुओं के जीवन से जुड़ी इन खास बातों के बारे में|
जैसा की आप सभी जानते हैं भारत में प्रत्येक 12 वर्ष के अंतराल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है यह कुंभ मेला प्रत्येक 12 वर्ष के अंतर में भारत के 4 राज्यों में आयोजित किया जाता है और हाल ही में साल 2019 का कुंभ मेला प्रयागराज मैं आयोजित हो चुका है| कुंभ मेले में अक्सर श्रद्धालुओं के साथ महिला नागा साधु भी है और जो कुंभ मेला भारी भीड़ देखने को मिलती है जो इस मेले का आकर्षण बना रहता हैं|
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महिला नागा साधू बनना आसान नही
एक महिला को नागा साध्वी बनने के लिए कई वर्षों की कड़ी वर्ष की कठिन तपस्या करनी पड़ती है।और यह हर किसी के बस की बात नहीं होती है। क्योंकि महिला को साध्वी बनने के लिए सबसे पहले अपने गुरु का विश्वासपात्र बनना पड़ता है। जिसके बाद गुरु उन्हें अपनी दीक्षा देते है।महिलाओं को इसके लिए १० से १५ साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। और इतना ही नहीं उन्हें जीते जी अपना पिंडदान भी खुद ही करना पड़ता है|
नागा साध्वी बनने के लिए महिलाओं को अपने सर के पूरे बालों का दान करना पड़ता है। और स्वयं का मुंडन कराकर पुरी उम्र सन्यास का पालन करना पड़ता है|
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