आज से ठीक 8 साल पहले भारत और पाकिस्तान की सड़कें सूनी हो गई थीं कई लोग दफ्तर से आधे दिन के बाद घर लौट चुके थे।अधिकतर बाजार बंद हो चुके थे। दोनों देशों में कफ्र्यू जैसे हालात थे। मौका था, विश्व कप क्रिकेट 2011 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले हाई वोल्टेज मैच का इस मैच पर भारत ही नही पुरी दुनियाभर क्रिकेट प्रेमी की नजर थी आखिरी था भी विश्व कप की सेमीफाइनल था।और पहली बार इन दोनो देशो प्रधानमंत्री मैच देखने आए थे। भारत के उस वक्त प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के उस वक्त यूसुफ़ रज़ा गिलानी दोनो ही देशो के खिलाड़ी से हाथ मिलाए था।
आइए हम आपको बता रहे उस मैच की पुरी कहानी चलिए शुरू करते ये खास स्टोरी तारीख "30 मार्च, 2011" जगह मोहाली का पीसीए स्टेडियम में मैच भारत बनाम पाकिस्तान महत्वपूर्ण मैच जो टीम जीते वो टीम फाइनल जाएगी अब टॉस समय हो गया दोनो कप्तान मैदान आ गई थी। अब टॉस भारतीय टीम जीत गई यानी भारत शुरुआत ही जीत हो गई तभी भारतीय कप्तान "महेंद्र सिंह धोनी" ने बल्लेबाजी का फैसला लिया।भारतीय प्रशंसकों के लिए खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ऐसा लगा मानो आधा मुकाबला तो हमने टॉस के साथ ही मैच भी जीत लिया हो, मैच का समय भारतीय समय अनुसार दोपहर दो बजकर तीस मिनट पर शुरू हो, लेकिन असली खेल तो तब शुरू हुआ, जब क्रीज पर वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए उतरे।
लेकिन मिस्बाह-उल-हक ने एक इतनी बड़ी गलती कर दी, जो दुनिया का कोई क्रिकेटर नहीं करना चाहता।उन्होंने सचिन तेंदुलकर का कैच टपका दिया। तेंदुलकर उस वक्त सिर्फ 27 रन पर ही थे। यही नहीं, देखते-ही-देखते उस मैच में पाकिस्तानी खिलाडि़यों ने सचिन तेंदुलकर का चार बार कैच टपकाया। तीन बार शाहिद अफरीदी की गेंद पर और एक बार मोहम्मद हाफीज की गेंद पर सचिन को जीवनदान मिला। 27 रन के बाद 45 रन, 70 रन और 81 रन के निजी स्कोर पर सचिन का कैच छूटा।
पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षकों की इन भयंकर गलतियों से भारतीय प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई। #सचिन_तेंदुलकर उस मुकाबले में 85 रन बनाकर आउट हुए। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए।वनडे क्रिकेट की लिहाज से यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था।
लेकिन भारतीय गेंदबाज यह अच्छी तरह जानते थे कि लाइन-लेंथ सही रखकर गेंदबाजी की जाए तो इस पिच से काफी मदद मिलेगी। हुआ भी बिलकुल ऐसा ही।भारत के पांचों गेंदबाज जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 2-2 विकेट हासिल किए और पूरी पाकिस्तानी टीम 49.5 ओवरों में 231 रन बनाकर ढेर हो गई।
इसी के साथ भारत ने यह मुकाबला 29 रन से जीत लिया। जैसे ही पाकिस्तान का आखिरी विकेट मिस्बाह-उल-हक के रूप में गिरा, पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई। आधी रात में लोग घर बाहर तिरंगा लेकर सड़कों पर निकल आए और भारत के इस एतिहासिक जीत का जश्न मनाए ।
आइए हम आपको बता रहे उस मैच की पुरी कहानी चलिए शुरू करते ये खास स्टोरी तारीख "30 मार्च, 2011" जगह मोहाली का पीसीए स्टेडियम में मैच भारत बनाम पाकिस्तान महत्वपूर्ण मैच जो टीम जीते वो टीम फाइनल जाएगी अब टॉस समय हो गया दोनो कप्तान मैदान आ गई थी। अब टॉस भारतीय टीम जीत गई यानी भारत शुरुआत ही जीत हो गई तभी भारतीय कप्तान "महेंद्र सिंह धोनी" ने बल्लेबाजी का फैसला लिया।भारतीय प्रशंसकों के लिए खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ऐसा लगा मानो आधा मुकाबला तो हमने टॉस के साथ ही मैच भी जीत लिया हो, मैच का समय भारतीय समय अनुसार दोपहर दो बजकर तीस मिनट पर शुरू हो, लेकिन असली खेल तो तब शुरू हुआ, जब क्रीज पर वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए उतरे।
मोहाली की पिच ने जो व्यवहार दिखाना शुरू किया, उसने तमाम क्रिकेट विशेषज्ञों को झूठा साबित कर दिया। पिच को देखने के बाद विशेषज्ञों ने उसे बल्लेबाजों के बिल्कुल अनुकूल बताया था और कहा था कि इस पिच पर कम-से-कम 300 का स्कोर जरूर बनेगा, लेकिन सचिन तेंदुलकर के कुछ शुरुआती शॉट्स ने यह साबित कर दिया था। पिच से बल्लेबाजों को बहुत अधिक मदद नहीं मिलने वाली है।
वीरेंद्र सहवाग ने कुछ आक्रामक शॉट्स लगाकर टीम को तेज शुरुआत दिलाने की जरूर कोशिश की, लेकिन वे 25 गेंदों में 38 रन ठोंककर आउट हो गए।तमाम भारतीय प्रशंसकों की सांसें उस समय अटक गई, जब शाहिद अफरीदी के ओवर में सचिन तेंदुलकर का एक आसान सा कैच उठ गया।
लेकिन मिस्बाह-उल-हक ने एक इतनी बड़ी गलती कर दी, जो दुनिया का कोई क्रिकेटर नहीं करना चाहता।उन्होंने सचिन तेंदुलकर का कैच टपका दिया। तेंदुलकर उस वक्त सिर्फ 27 रन पर ही थे। यही नहीं, देखते-ही-देखते उस मैच में पाकिस्तानी खिलाडि़यों ने सचिन तेंदुलकर का चार बार कैच टपकाया। तीन बार शाहिद अफरीदी की गेंद पर और एक बार मोहम्मद हाफीज की गेंद पर सचिन को जीवनदान मिला। 27 रन के बाद 45 रन, 70 रन और 81 रन के निजी स्कोर पर सचिन का कैच छूटा।
पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षकों की इन भयंकर गलतियों से भारतीय प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई। #सचिन_तेंदुलकर उस मुकाबले में 85 रन बनाकर आउट हुए। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए।वनडे क्रिकेट की लिहाज से यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था।
इसी के साथ भारत ने यह मुकाबला 29 रन से जीत लिया। जैसे ही पाकिस्तान का आखिरी विकेट मिस्बाह-उल-हक के रूप में गिरा, पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई। आधी रात में लोग घर बाहर तिरंगा लेकर सड़कों पर निकल आए और भारत के इस एतिहासिक जीत का जश्न मनाए ।
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